केप कैनावेरल। छह महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के बाद चार अंतरिक्ष यात्री सोमवार सुबह पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनका SpaceX कैप्सूल फ्लोरिडा तट से थोड़ा दूर अटलांटिक में पैराशूट से उतरा। इसको लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने एक वीडियो भी जारी किया है।
पृथ्वी पर वापस लौटे चार अंतरिक्ष यात्री
नासा के अंतरिक्ष यात्री स्टीफन बोवेन और वॉरेन “वुडी” होबर्ग, रूस के आंद्रेई फेडयेव और संयुक्त अरब अमीरात के सुल्तान अल-नेयादी अंतरिक्ष स्टेशन से लौट हैं। गौरतलब है कि सुल्तान अल-नेयादी अरब दुनिया के पहले व्यक्ति हैं, जो ऑर्बिट में अपना समय बिता कर लौटे हैं।
कई चीजों के लिए तरस गए अंतरिक्ष यात्री
अंतरिक्ष स्टेशन से निकलने करने से पहले, उन्होंने कहा कि मार्च में अपनी यात्रा शुरू करने के बाद से वह गर्म स्नान, गर्मा-गर्म कॉफी और समुद्र की हवा के लिए तरस रहे थे। दरअसल, भारी बारिश के कारण मौसम खराब हो गया था, जिसके कारण उन्हें एक दिन बाद घर भेजा गया।
Welcome back, #Crew6! 🪂
Four members aboard the @SpaceX Dragon Endeavour spacecraft splashed down off the coast of Florida at 12:17am ET on Monday, Sept. 4, completing their 186-day mission aboard the space station. https://t.co/7OTJApiTBU pic.twitter.com/GsIgBfLs7m
— International Space Station (@Space_Station) September 4, 2023
इस महीने के अंत में क्रू एक और दल में बदलाव होगा, जिसमें दो रूसी और एक अमेरिकी की लंबे समय से प्रतीक्षित घर वापसी होगी। दरअसल, कुछ तकनीकी कारणों की वजह से यह तीनों पूरे साल वहां रहे हैं। फिलहाल, अंतरिक्ष स्टेशन सात अंतरिक्ष यात्रियों का घर बना हुआ है।
एक सप्ताह पहले लॉन्च किया गया प्रतिस्थापन
वहीं, दूसरी ओर SpaceX ने एक सप्ताह पहले अपना प्रतिस्थापन लॉन्च किया था। इस टीम में भी चार अंतरिक्ष यात्री गए हैं, जिसमें एक महिला और तीन पुरुष शामिल हैं। छह महीने के मिशन पर नासा की जैस्मीन मोघबेली, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एंड्रियास मोगेन्सन, जापान के सातोशी फुरुकावा और रूस के कॉन्स्टेंटिन बोरिसोव शामिल हैं।
क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। यह एक घर की तरह है, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों का दल रहता है। अंतरिक्ष स्टेशन एक तरह की अनोखी विज्ञान प्रयोगशाला (Laboratory) है।
अंतरिक्ष स्टेशन को आकार देने और इसके इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए कई देशों ने मिलकर काम किया है। गौरतलब है कि यह यान 28,150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, यानी यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है।