कासगंज। कासगंज पुलिस की आशंका सही साबित हुई। सलमा का कातिल उसका पति ही निकला। कड़ाई से की गई पूछताछ में वह सब उगल गया। पुलिस के सामने स्वीकार लिया कि पत्नी उसके प्रेम संबंधों में बाधक बन रही थी। इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया।
खुद को बचाने के लिए उस युवक को फंसा दिया, जिससे घटना से दो दिन पहले उसका विवाद हुआ था। पुलिस ने हत्या में प्रयोग किया गया चाकू भी पति की निशानदेही पर बरामद कर लिया है और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
चारपाई पर रस्सी से बांधकर और गला रेतकर हत्या कर दी गई
सहावर के मुहल्ला काजी में विगत गुरुवार की रात सलमा की घर में ही चारपाई पर रस्सी से बांधकर और गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उसका पति भी घायल था। पति ने उस दौरान कस्बे के ही एटा मार्ग निवासी कासिम और उसके चार-पांच अज्ञात साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
घटना स्थल के हालात और कासिम के घर पर ही मौजूद मिलने से पुलिस को शंका पैदा हो गई थी। उसने कासिम को तो हिरासत में लेकर पूछताछ की ही, सलमा के पति मुराद मियां को भी प्राथमिक उपचार के बाद थाने बुला लिया और उसे टटोलना शुरू किया।
पुलिस पूछताछ में कबूला हत्याकांड
एसपी सौरभ दीक्षित के अनुसार कड़ाई से की गई पूछताछ में वह टूट गया। उसने पुलिस को बताया कि उसके पड़ोस में जमालुद्दीन रहते हैं। उनकी बेटी सोनम का अपने पति से तलाक हो चुका है और वह भी उन्हीं के पास रहती है। उसकी सोनम से नजदीकियां हो गई थीं। इसका उसकी पत्नी सलमा विरोध करती थी। इसे लेकर आए दिन झगड़ा करती थी। इससे परेशान होकर उसने ही पत्नी को मौत के घाट उतार दिया था।
शव को ठिकाने लगाने की फिराक में था कि तब तक पड़ोसी से गई बरात में गया बड़ा बेटा अलफैज लौट आया था। उसने जब दरवाजा खटखटाया तो प्लानिंग बदलनी पड़ी।
एसपी के अनुसार मुराद ने ही मरी हुई पत्नी को चारपाई से बांधा और फिर खुद को भी चाकू प्रहार कर घायल कर लिया था। खुद के हाथपैरों पर भी रस्सी लपेट ली थी। जब दरवाजा नहीं खोला तो बेटा दीवार फांदकर अंदर आ गया था। मां-बाप को खून से लथपथ देखकर वह चीखने लगा था।
झूठे मामले में जेल जाने से बच गया कासिम
पुलिस को घटने का हालात देखकर शक न होता तो शायद कासिम झूठे मुकदमे में जेल चला गया होता। मुराद की तहरीर पर पुलिस ने उस दौरान उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया था। उसे घर से उठा भी लाई थी और सहावर थाने में पूछताछ की गई थी। यह सही रहा कि नामजदगी की जानकारी होने के बाद भी वह भागा नहीं। उसने पुलिस के सवालों का सामना किया और सच-सच बातें बताता चला गया गया। उधर, मुराद मियां अपने ही बयानों को बदल-बदलकर फंसता चला गया। अंत में उसे पुलिस के सामने यह स्वीकारना ही पड़ा कि पत्नी की हत्या उसी ने की है।
दहेज उत्पीड़न के मामले में आरोपित है मुराद
मुराद मियां के खिलाफ थाना गंजडुंडवारा में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा वर्ष 2005 में उसके बड़े भाई चांद मियां की पत्नी ने दर्ज कराया था। चांद मियां गंजडुंडवारा में ही रहता है। उसका अपनी पत्नी से विवाद चल रहा है। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। अब मुराद के साले बाबी निवासी मुहल्ला कुरैसियान, सहावर ने भी उसके खिलाफ पुलिस को प्रार्थनापत्र दिया है। इसमें उसने मुराद पर ही अपनी बहन सलमा की हत्या करने के साथ ही कासिम को झूठा फंसाने का आरोप लगाया है। चूंकि पुलिस उसे मुख्य मुकदमे में हत्या का आरोपित बना ही चुकी है और कासिम का नाम उससे निकाल चुकी है, इसलिए इस प्रार्थनापत्र को साक्ष्य के तौर पर रखा गया है।
पर्दाफाश करने वाली टीम में यह रहे शामिल
एसओजी प्रभारी अनूप कुमार भारतीय, सहावर थाना प्रभारी प्रेमपाल सिंह, हेडकांस्टेबिल सुधीर, आशुतोष त्रिपाठी व बाबू सिंह, कांस्टेबल दिलीप, वेद, कुंवरपाल सिंह, ब्रज मोहन, शैलेंद्र सिंह व अजंट सिंह।
‘पुलिस के प्रयास रहे कि हत्याकांड में कोई निर्दोष न फंसे। इसलिए मामले को गंभीरता से लेकर जांच की गई। उसका नतीजा भी सही आया और निर्दोष जेल जाने से बच गया।’ -सौरभ दीक्षित, एसपी