औरैया। बिहार के युवक की हत्या के मामले पुलिस अभी तक उसका सिर नहीं बरामद कर सकी है। गिरफ्तार किए गए उसके दोनों साथियों को सोमवार को पुलिस ने जेल भेज दिया है। दोनों खिलाफ रासुका व गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।
दोनों ने बहुत योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया था। पुलिस अधीक्षक ने गैलवे कंपनी की कार्यप्रणाली व कर्मचारियों के विवरण के संदर्भ में जांच के लिए एसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर दी है।
यह है पूरा मामला
बिहार जनपद पश्चिमी चंपारण थाना सिकटा क्षेत्र के गांव शिकारपुर निवासी बबलू ने पुलिस को बताया कि उसका 21 वर्षीय बेटा सूरज शहर के सैनिक कालोनी में रहकर खानपुर चौराहे के पास गैलवे कंपनी में काम करता था।
चार माह काम करने के बाद वह करीब तीन माह पूर्व काम छोड़कर चला गया था। एक नवंबर को वह कंपनी व साथी से लेनदेन खत्म करने के साथ ही सामान ले जाने के लिए शहर पहुंचा।
परिजनों ने कपड़ों से की थी शिनाख्त
सूरज के साथी अनिल व दीपक ने सूरज को बाइक से जालौन ले जाकर गर्दन काट कर हत्या कर दी थी। सूरज के पिता बबलू की शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार उनकी निशानदेही पर जालौन के मढ़ारी व पहाड़पुर गांव के बीच धड़ बरामद किया था, लेकिन सिर नहीं मिला था। परिजनों ने कपड़ों से शव की शिनाख्त की।
सूरज ने अनिल से वापस मांगे थे रुपये
एसपी चारू निगम ने बताया कि कंपनी में विवाद खत्म हो गया था। सूरज साथी अनिल से नौकरी लगवाने के समय लिए 25 हजार रुपये व कुछ रिश्तेदारों की नौकरी के नाम पर दिए रुपये वापस मांग रहा था। अनिल ने रुपये देते हुए उसका वीडियो बना लिया। सूरज के ही मोबाइल से उस वीडियो को उसके परिजनों को भेज दिया था।
अनिल के फोन से परिजनों को हुआ शक
दो नवंबर की रात फोन पर परिजनों ने सूरज से घर वापस आने की बात कही तो उसने मना कर दिया। कुछ देर बाद दोबारा फोन करने पर उसने सोने की बात कही। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। परिजनों ने दो नवंबर को करीब 11:30 बजे साथी अनिल को फोन किया तो उसने खानपुर चौराहा से टेंपो में बैठा देने की बात कही। आशंका होने पर स्वजन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद लगाई गई सात टीमों ने लगातार काम कर मामले का राजफाश कर दिया।
फोन बंद, फिर भी सूरज के नंबर से पहुंच गई टिकट
शहर के खानपुर चौराहे पर पुलिस स्वजन के साथ सीसी कैमरे के फुटेज खंगाल रही थी। इसी दौरान चार अक्टूबर को उसके परिजनों के फोन पर सूरज के मोबाइल नंबर से कानपुर सेंट्रल से बिहार की टिकट भेजी गई, जबकि फोन बंद था। इसके बाद पुलिस का माथा ठनक गया। पुलिस के मुताबिक, सूरज का व्हाट्सएप आरोपियों ने हैक कर लिया था, ताकि परिजनों को शक न हो।