बांदा। एंटी करप्शन की आठ सदस्यीय टीम ने बस पेड़ से भिड़ने पर जांच में निर्दोष करने व ड्यूटी देने के नाम पर संविदा चालक से 11 हजार रुपये घूस लेते सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एआरएम को पकड़ लिया।
मौके से पाउडर लगे रुपये कब्जे में लिए गए। संविदा चालक की शिकायत पर टीम ने कार्रवाई की। परिवहन निगम के आरोपी अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरे मामले को लेकर पूछताछ की जा रही है।
यह है पूरा मामला
बिसंडा के ग्राम पड़हरी निवासी संविदा चालक नवल किशोर सात नंबर को बस लेकर लखनऊ गया था। रास्ते में गुरूबक्श गंज में साइकिल सवार को बचाने के चक्कर में बस पेड़ से भिड़ गई थी।
चालक ने थाना एंटी करप्शन चित्रकूट धाम मंडल में शिकायत करते हुए बताया था कि मामले की जांच एआरएम लक्ष्मण सिंह कर रहे थे। 29 नवंबर तक चालक को बस नहीं चलाने दिया गया था, लेकिन 30 नवंबर को एआरएम ने इस शर्त पर बहाल करते हुए बस चलाने की अनुमति दी थी कि उनकी जांच अभी चल रही है। निर्दोष होने पर आगे की ड्यूटी में लगाने को कहा है। आरोप लगाया कि इसके एवज में एआरएम ने उससे 20 हजार रुपये की मांग की थी। असमर्थता जताने पर 11 हजार रुपये देने की बात तय हुई है।
एंटी करप्शन की टीम ने ऐसे बनाया पकड़ने का प्लान
एंटी करप्शन थाना प्रभारी निरीक्षक महेश द्विवेदी ने पहले रिश्वत मांगने वाले अधिकारी को पकड़ने के लिए रणनीति तैयार की। डीएम व अन्य संबंधित अधिकारियों को मामले की सूचना दी। इस पर उनके साथ कलेक्ट्रेट से गवाह के रूप में वरिष्ठ सहायक मो. शाकिर व जन सूचना लिपिक जयश्री को लगाया गया।
टीम ने बुधवार दोपहर 12 :40 बजे संविदा चालक को जाकर कार्यालय में रुपये देने को कहा। चालक के रुपये देने पर एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व में निरीक्षक साबिर अली, आरक्षी शारदा प्रसाद, देवेंद्र, सचिन आदि के साथ एआरएम को मौके से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से घूस में लिए गए 500-500 के 22 नोट पकड़े गए।
पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज
टीम ने घूस लेने के मामले में कई घंटे तक कोतवाली नगर व पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन थाने में पूछताछ की। जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराते हुए न्यायालय में पेश किया। प्रभारी निरीक्षक ने तहरीर देकर एआरएम के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
पकड़े गए नोट भी सील किए हैं। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि रुपये मांगते ही चालक ने मामले की शिकायत की थी। जिस पर आरोपित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। मामले की जांच की जा रही है।