
जनपद चित्रकूट के तहसील मऊ अंतर्गत ग्राम पंचायत मनका के प्राथमिक विद्यालय मनका द्वितीय के शिक्षक संजीव केशरवानी पर विद्यालय में देरी से पहुँचने एवं शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप स्थानीय पत्रकार अजय शुक्ला ने लगाते हुए शिकायत की थी विद्यालय जाँच पड़ताल करने पहुंचे के0पी0पाण्डेय खण्ड शिक्षा अधिकारी मऊ ने अपनी रिपोर्ट में वसूली करने के उद्देश्य से भ्रामक शिकायत पत्रकार द्वारा की गई और लगाए गए सभी आरोप निराधार करार देते हुए विभागीय अधिकारियों को जाँच रिपोर्ट भेजी थी
जिससे मामले पर जाँच अधिकारी पर भी सवाल खड़े हुए
कि उक्त भेजी गई जाँच रिपोर्ट तो आरोपी शिक्षक द्वारा विद्यालय में जाँच अधिकारी के सामने तैयार जरूर की गई लेकिन वह आरोपी शिक्षक द्वारा तैयार की गई और यह भी आरोप है कि उसमें पहले ग्रामीणों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए
पत्रकार द्वारा सम्भावना जताई जा रही है कि विभागीय जांच में आरोपी शिक्षक को जाँच अधिकारी बचाने का प्रयास कर रहे हैं
आरोपी शिक्षक से मिलकर खण्ड शिक्षा अधिकारी जिले के अधिकारियों को जो रिपोर्ट भेजी है उसके सादे कागज पर पहले ग्रामीणों के हस्ताक्षर क्यों कराए गए कहीं ऐसा तो नहीं है कि आरोपी शिक्षक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है
पत्रकार अजय शुक्ला सच्चाई सामने लाने के लिए जाँच कराने की माँग पर अड़े हुए हैं
उधर मीडिया पर मामले के तूल पकड़ने से शिक्षा विभाग में हलचल मची हुई है
एबीएसए मऊ द्वारा इसी मामले की अब एक दूसरी रिपोर्ट बनाकर भी भेजी गई है
जिसमें एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं
सवाल यह है कि जाँच अधिकारी अपनी रिपोर्ट में बदलाव कर आखिर क्या साबित करना चाहते हैं
रिपोर्ट बदलने की जरूरत आखिर जाँच कर्ता को क्यों महसूस हुई और अगर यह उचित है तो फिर पत्रकार अजय शुक्ला के द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार क्यों किया गया
मीडिया को लगे दस्तावेज के अनुसार इस मामले की जाँच कर रहे के0पी0पाण्डेय एबीएसए मऊ ने जो अपनी पहली जाँच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी थी उसमें पत्रकार अजय शुक्ला के ऊपर रुपये की वसूली करने का जिक्र करते हुए लगाए गए सभी आरोपों को निराधार साबित किया था
उच्चाधिकारियों को भेजी गई दोनों रिपोर्ट मीडिया के हाथ लगी हैं जिसमें पहले पत्रकार अजय शुक्ला के ऊपर रुपये वसूली करने का जिक्र हटा लिया गया है और अंतिम लाइन में शिक्षकों को हिदायत देते हुए लिए लिखा गया कि शिक्षक विद्यालय में समय से पहुंचे जो कदाचित पत्रकार अजय शुक्ला ने इसी देरी होने की समस्या को लेकर पहले ही शिकायत करते हुए जांच शुरू करने की माँग पत्रकार अजय शुक्ला ने ही किया था जो विवाद का मुख्य कारण रहा है ऐसे में सवाल यह है कि यदि जाँच करने वाले यह मानते हैं कि शिक्षक विद्यालय में समय से नहीं पहुंचे रहे हैं तो पत्रकार के आरोप को निराधार क्यों कर रहे हैं कार्यवाही करें और यदि पत्रकार के आरोप निराधार हैं तो फिर समय से पहुँचने की हिदायत देने का जिक्र अपनी रिपोर्ट में क्यों कर रहे हैं
सवाल तो है कि पत्रकार द्वारा शिक्षक की पूर्व में की गई इसी लापरवाही बरतने की शिकायत को इसी जांचकर्ता ने निराधार क्यों सिद्ध किया इस संदर्भ में जब एबीएसए मऊ से बात करने का प्रयास किया गया तो फोन नहीं रिसीब हो सका