प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जजों के ट्रांसफर हुए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर कुल 582 जजों के ट्रांसफर हुए हैं। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल राजीव भारती ने अधिसूचना जारी की है। इसमें बताया गया है कि 236 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, 207 सिविल जज सीनियर डिवीजन और 139 सिविल जज जूनियर डिवीजन का ट्रांसफर हुआ है।
ज्ञानवापी केस में फैसला सुनाने वाले जज का भी ट्रांसफर
वाराणसी के ज्ञानवापी केस में फैसला सुनाने वाले चर्चित जज रवि कुमार दिवाकर का भी ट्रांसफर हुआ है। उनका बरेली से चित्रकूट में ट्रांसफर किया गया है।
हालही में दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज का मामला चर्चा में था
हालही में दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का मामला सुर्खियों में रहा था। दरअसल उनके घर पर आग लगने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। जिस वक्त ये आग लगी, उस वक्त वह घर पर नहीं थे। इस दौरान पुलिस और दमकलकर्मियों ने आग तो बुझा दी लेकिन दावा किया गया कि इस घर से बड़ी संख्या में जले हुए नोट भी बरामद हुए। हालांकि नोटों का यह ढेर जलकर खाक हो चुका था।
इस मामले में दिल्ली फायर सर्विस के चीफ का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि जज के घर पर आग बुझाने के दौरान कोई कैश नहीं मिला। हालांकि बाद में जज के घर के बाहर से भी जले हुए नोट बरामद हुए। इसके बाद से जजों को लेकर एक नई बहस ने जन्म दे दिया और सोशल मीडिया पर लोग जजों की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाने लगे।
इस मामले में जस्टिस यशंवत वर्मा ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर चार सीनियर वकीलों से सलाह मशवरा भी किया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई तीन सदस्यों की कमेटी कैशकांड की जांच कर रही है और जस्टिस वर्मा को उस कमेटी के सामने अपनी सफाई पेश करनी है।