कोलकाता। अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर के लिए बंगाल के दो मुस्लिम मूर्तिकारों ने भगवान श्रीराम की मूर्तियां तैयार की हैं। इनके नाम मोहम्मद जमालुद्दीन और बिट्टू हैं। दोनों पिता-पुत्र हैं। मूर्ति बनाने वाले जमालुद्दीन का कहना है कि धर्म निजी विषय है। मेरा मानना है कि देशहित व विकास के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करना चाहिए।
इन पर मौसम का असर भी काफी कम पड़ता है
उन्होंने कहा कि भगवान राम की मूर्तियां तैयार कर मुझे काफी खुशी हो रही है। मैंने अपनी कलाकारी के जरिए भाईचारे की संस्कृति पेश की है।’ उनके बेटे बिट्टू ने कहा कि इस तरह की मूर्ति तैयार करने में एक से डेढ़ महीने का समय लग जाता है। मिट्टी की तुलना में फाइबर की मूर्ति तैयार करने में लागत अधिक आती है लेकिन इनका स्थायित्व अधिक है। इन पर मौसम का असर भी काफी कम पड़ता है।’
ये दोनों मूर्तियां फाइबर की बनी हैं
ये दोनों मूर्तियां फाइबर की बनी हैं। पिता-पुत्र बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बारासात के रहने वाले हैं। एक मूर्ति के लिए उन्हें 2.80 लाख व दूसरी के लिए ढाई लाख रुपये मिले हैं। मूर्तियां लगभग 17 फुट ऊंची हैं, जिन्हें मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा। जमालुद्दीन ने कहा-‘हमारा काम देखकर हमसे मूर्तियों के निर्माण के लिए संपर्क किया गया था।