मेरठ के सौरभ हत्याकांड में उसकी पत्नी और प्रेमी को लेकर रोज खुलासे हो रहे हैं, इस बीच यूपी के औरेया में शादी के 15वें दिन पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर एक और पत्नी ने पति को मौत के घाट उतरवा दिया है। अवैध संबंधों में बाधक पति को रास्ते से हटाने के लिए उसने दो लाख रुपये की सुपारी दी। एक लाख पेशगी के तौर पर दिए थे। पुलिस ने सोमवार को इस सनसनीखेज घटना का खुलासा करते हुए पत्नी, उसके प्रेमी और एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी अभिजित आर शंकर ने बताया कि फफूंद थाना क्षेत्र के सियापुर गांव निवासी प्रगति यादव की शादी दिबियापुर के सेहुद मंदिर के पास रहने वाले 21 वर्षीय दिलीप से पांच मार्च को हुई थी। प्रगति अपनी शादी से खुश नहीं थी। उसके गांव के ही अनुराग उर्फ बबलू उर्फ मनोज यादव के साथ अवैध संबंध थे। शादी के बाद दोनों को मिलने में परेशानी होने लगी। इस पर प्रगति ने अनुराग के साथ मिलकर दिलीप को रास्ते से हटाने की साजिश रची। प्रगति के कहने पर अनुराग ने रामजी नागर को दिलीप को मारने की सुपारी दी।
दो लाख रुपये में सौदा तय हुआ। पेशगी के तौर पर एक लाख रुपये प्रगति ने दिए। बाकी पैसा काम होने पर देने का वादा किया गया। 19 मार्च को दिलीप मरणासन्न हालत में पिपरोली गांव के पास पड़ा मिला। मरणासन्न दिलीप को पुलिस ने सीएचसी बिधूना में भर्ती कराया। गंभीर हालत में उसे सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान पता चला कि उसके सिर में पीछे से सटाकर गोली मारी गई है। 22 मार्च को उसकी मौत हो गई।
वारदात के बाद पुलिस मुखबिर व कॉल रिकार्ड के आधार पर आरोपितों की तलाश में थी। आरोपित बचा हुआ पैसा लेने आए तभी सहार पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पुलिस ने अनुराग, रामजी नागर और प्रगति को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि घटना में और भी लोग शामिल हैं। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ऐसे मारा गया दिलीप
सेहुद मंदिर के पास रहने वाले सुमेर सिंह के 21 वर्षीय बेटे दिलीप की एसएस यादव क्रेन सर्विस के नाम से घर पर ही फर्म है। कन्नौज के उमर्दा के पास शाह नगर में एक पुल निर्माण का कार्य चल रहा है। 19 मार्च को सुबह दिलीप हाइड्रा लेकर साइट पर गया था। दोपहर बाद वह वापस लौट रहा था। करीब डेढ़ बजे उसने बड़े भाई संदीप को फोन कर घर आने की बात कही। वह पटना नहर सहार के पास एक होटल पर रुका। यहां बाइक सवार कुछ युवक आए और बंबे में फंसी कार को हाइड्रा से निकालने की बात कहते हुए बाइक पर बिठाकर रास्ता दिखाने चले गए।
होटल से करीब सात किलोमीटर दूर पिपरोली गांव के पास दिलीप मरणासन्न हालत में ग्रामीणों को पड़ा मिला। सूचना पुलिस ने दिलीप को अस्पताल में भर्ती कराया। 22 मार्च को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई तो पुलिस ने छानबीन में जुट गई। सीसीटीवी कैमरे जांचे तो दिलीप को बाइक पर बैठाकर ले जाने वालों की पहचान हुई। पुलिस इन तक पहुंची तो घटना की कड़ियां खुलती चली गईं। इनकी निशानदेही पर अनुराग और रामजी नागर को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की गई तो पूरी कहानी खुल गई।
पति की मौत के बाद प्रेमी से बात करती रही प्रगति
दिलीप की मौत के बाद भी प्रगति अपने प्रेमी अनुराग से सिम बदलकर बात करती रही। वह घटना के दिन भी हत्यारोपितों से फोन पर संपर्क में रही। पति की मौत के बाद उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं दिखी। उधर, प्रगति के परिजनों को अनुराग से उसके संबंधों की जानकारी थी। बावजूद इसके उन्होंने प्रगति से अनुराग की शादी न कराकर दिलीप से करा दी।