देश की दिग्गज सीमेंट कंपनियों के मार्जिन में सितंबर तिमाही में गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह कीमत कम होना है, जिससे सीमेंट कंपनियों की प्राप्तियां घटी हैं। देश की तीन प्रमुख सीमेंट कंपनियों – अल्ट्राटेक सीमेंट (UltraTech Cement), अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) और डालमिया भारत (Dalmia Bharat) को छोड़कर अन्य मसलन नुवोको विस्टास कॉर्प, जेके सीमेंट, बिड़ला कॉरपोरेशन और हीडलबर्ग सीमेंट सहित अन्य छोटी कंपनियों के मुनाफे और रेवेन्यू में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।
कमजोर डिमांड का असर
इंडस्ट्री एनालिस्ट का कहना है कि अल्ट्राटेक और अंबुजा सीमेंट्स की बिक्री की मात्रा में वृद्धि मुख्य रूप से दोनों कंपनियों द्वारा कई अधिग्रहणों के कारण हुई है, जिससे उद्योग में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है। उद्योग को मानसून के लंबे समय तक रहने, बाढ़ और सरकारी मांग में धीमी वृद्धि जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जिससे कुल मिलाकर मांग कमजोर हुई। हालांकि, उद्योग के लिए बिजली, ईंधन और अन्य लागत काफी हद तक स्थिर रहीं।
जून 2024 में अखिल भारतीय स्तर पर सीमेंट की औसत कीमत लगभग 348 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग थी। सितंबर में यह सालाना आधार पर 11 फीसदी घटकर 330 रुपये प्रति बैग रह गई। हालांकि, मासिक आधार पर इसमें दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर 10 फीसदी घटकर 330 रुपये प्रति बैग रह गईं। एक साल पहले सीमेंट की औसत कीमतें 365 रुपये प्रति बैग और 2022-23 में 375 रुपये प्रति बैग थीं।
लीडिंग सीमेंट कंपनी अल्ट्राटेक ने सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से तीन फीसदी की वृद्धि के साथ 68 फीसदी कैपिसिटी का उपयोग किया है। हालांकि, जुलाई-सितंबर की अवधि में ग्रे सीमेंट की बिक्री प्राप्ति में सालाना आधार पर 8.4 फीसदी और तिमाही आधार पर 2.9 फीसदी की गिरावट आई।
अंबुजा सीमेंट्स की बिक्री नौ फीसदी बढ़ी
देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स की सितंबर तिमाही में बिक्री नौ फीसदी बढ़कर 1.42 करोड़ टन (एमटी) रही। हालांकि, कंपनी का EBITDA 15 फीसदी घटकर 1074 करोड़ रुपये रही। हालांकि, अदाणी ग्रुप की इस कंपनी का सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर मार्जिन अधिक रहा, जो उच्च क्षमता उपयोग और उत्पादन लागत में कमी के कारण हुआ।
डालमिया भारत का कारोबार
तिमाही के दौरान डालमिया भारत का कारोबार सालाना आधार पर 8.4 फीसदी बढ़कर 67 लाख टन हो गया। हालांकि, सीमेंट की कीमतों में भारी गिरावट के कारण रेवेन्यू दो प्रतिशत घटकर 3,087 करोड़ रुपये रह गया। बिड़ला कॉरपोरेशन की बिक्री मात्रा पांच फीसदी घटकर 39.7 लाख टन रह गई, क्योंकि परंपरागत रूप से कमजोर मानसून तिमाही में सीमेंट की मांग सुस्त थी।
जेके सीमेंट का प्रदर्शन
जेके सीमेंट की बिक्री से शुद्ध प्राप्ति सितंबर तिमाही में तिमाही आधार पर 0.8 फीसदी बढ़कर 4,708 करोड़ रुपये हो गई। जून तिमाही में यह 4,669 करोड़ रुपये थी। इसी तरह, निरमा समूह की सीमेंट कंपनी नुवोको विस्टास कॉर्प ने कहा कि अखिल भारतीय कीमतें दबाव में रहीं और दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर इनमें चार प्रतिशत की गिरावट आई। इस दौरान मात्रा के आधार पर कंपनी की बिक्री पांच प्रतिशत घटी। हीडलबर्ग सीमेंट इंडिया का रेवेन्यू 18.54 फीसदी घटकर 461.41 करोड़ रुपये रह गया, जो मात्रा में 15 फीसदी की कमी और कीमत में चार प्रतिशत की कमी के कारण हुआ।