मोदी सरकार ने जनवरी 2024 में एक बड़ी घोषणा की कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा होने के बाद नया यानी 8वां वेतन आयोग गठित किया जाएगा. जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, पूरे देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में एक सवाल उठ खड़ा हुआ कि इस बार सैलरी कितनी बढ़ेगी? अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्यों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके साथ ही चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर क्या होगा और यह भी कि क्या बेसिक पे में DA (महंगाई भत्ता) को मर्ज किया जाएगा या नहीं.
फिटमेंट फैक्टर लागू कैसे होता है?
अब बात करते हैं कि ये फिटमेंट फैक्टर होता क्या है. दरअसल, ये एक तरह का मल्टीप्लायर होता है, जिसके जरिए पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है. ये फैक्टर DA यानी महंगाई भत्ते और मौजूदा आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है. इसका मकसद होता है कि सभी कर्मचारियों को एक समान और न्यायसंगत बढ़ोतरी मिले.
पिछले कुछ वेतन आयोगों की बात करें तो यही ट्रेंड देखने को मिला है कि सैलरी बढ़ाने से पहले महंगाई भत्ते यानी DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर लिया जाता है और उसके बाद उस कुल योग पर फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है.
उदाहरण से समझिए
उदाहरण के लिए, जब 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, उस समय कर्मचारियों को 125 फीसदी DA मिल रहा था. आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था. यानी अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 10,000 थी, तो 125 फीसदी DA यानी 12,500 जोड़कर कुल बनता है 22,500. इस पर 14.22 फीसदी की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर नई सैलरी 25,700 तय की गई. यानि फिटमेंट फैक्टर = 25,700 / 10,000 = 2.57 हुआ.
पिछले वेतन आयोगों में भी ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला. 5वें वेतन आयोग (1996) के समय DA करीब 74 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया. 6ठे वेतन आयोग (2006) में DA करीब 115 फीसदी था और फिटमेंट बेनिफिट 1.86x रखा गया, जिसमें ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट भी शामिल किया गया. वहीं 7वें वेतन आयोग (2016) में DA 125 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया.
फिटमेंट फैक्टर 3.0 रखा जाए
इससे यह साफ होता है कि हर बार वेतन आयोग DA को बेसिक पे में समाहित कर एक पूरा सैलरी बेस तैयार करता है और फिर उस पर एक प्रतिशत वृद्धि जोड़कर नई सैलरी तय की जाती है. इसी ट्रेंड को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि 8वां वेतन आयोग भी इसी फॉर्मूले पर आगे बढ़ेगा.
फिलहाल यह भी चर्चा में है कि जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए DA में बहुत कम बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि हालिया महंगाई दर में स्थिरता देखी गई है. ऐसे में कर्मचारी संगठन यह उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 3.0 या उससे अधिक रखा जाए ताकि वास्तविक वेतन वृद्धि का लाभ मिल सके.
8वें वेतन आयोग से उम्मीद
कुल मिलाकर, 8वां वेतन आयोग करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आ रहा है. अगर सरकार पिछली परंपराओं को दोहराती है और DA को बेसिक में मर्ज कर उचित फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो यह वेतन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है. अब देखना ये है कि सरकार कर्मचारियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.