देश में रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। पर्व-त्योहार और शादी-विवाह के सीजन में रेल यात्रियों की संख्या में और भी बढ़ोतरी हो जाती है। एक समय था जब यात्रियों को ट्रेन में रिजर्वेशन कराने के लिए काउंटर पर जाकर टिकट बुक करानी होती थी। लेकिन डिजिटल हो रहे भारत में तेजी से ऑनलाइन टिकट की मांग बढ़ रही है। काउंटर से टिकट खरीदने वाले यात्रियों की तुलना में ऑनलाइन टिकट बुक कराने वाले यात्रियों की संख्या कई गुना ज्यादा है। हालांकि, काउंटर टिकट की तुलना में ऑनलाइन टिकट के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ता होता है।
IRCTC अकाउंट के बिना नहीं बुक कर सकते ऑनलाइन ट्रेन टिकट
आपने भी कभी न कभी अपने लिए ऑनलाइन टिकट जरूर बुक की होगी। ऑनलाइन टिकट बुक कराते समय आपने एक बात नोट की होगी कि ये, काउंटर टिकट की तुलना में महंगी होती है। बताते चलें कि सिर्फ IRCTC के जरिए ही ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक की जा सकती है। अगर आप किसी थर्ड पार्टी ऐप से भी टिकट बुक कर रहे हैं तो आपको IRCTC अकाउंट की मदद लेनी होगी। बिना IRCTC अकाउंट के बिना आप ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर सकते हैं। ऑनलाइन टिकट बुक करने पर IRCTC यात्रियों से कन्वीनियंस फीस और जीएसटी चार्ज करता है। जहां एक तरफ, कन्वीनियंस फीस सीधे-सीधे आईआरसीटीसी के खाते में जाती है तो वहीं जीएसटी का पैसा सरकार के खाते में जाता है।
काउंटर टिकट से महंगी क्यों होती है ऑनलाइन टिकट
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने राज्यसभा में ऑनलाइन टिकट की कीमत पर राज्यसभा में एक सवाल किया था। संजय ने पूछा था कि काउंटर टिकट की तुलना में ऑनलाइन टिकट महंगी क्यों होती है। संजय राउत के इस सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया कि IRCTC को ऑनलाइट टिकटिंग सिस्टम के मेनटेनेंस, अपग्रेडेशन और एक्सपेंशन में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इन खर्च की भरपाई के लिए ही आईआरसीटीसी यात्रियों से टिकट बुक करने के लिए कन्वीनियंस फीस चार्ज करता है।
80 प्रतिशत यात्री बुक करते हैं ऑनलाइन टिकट
रेल मंत्री ने बताया कि आज देशभर में ट्रेन टिकट बुक करने के लिए आईआरसीटीसी प्लेटफॉर्म काफी पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज के समय में बुक की जाने वाली सभी रेल टिकटों में से 80 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन बुक की जाती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा के चलते यात्रियों को काउंटर पर जाकर घंटों इंतजार नहीं करना पड़ता। इससे न सिर्फ यात्रियों का समय बच रहा है बल्कि उनका आने-जाने का किराया भी बच रहा है।