गौरव सिंघल/गाजियाबाद।
नगर निगम ने बिना दर तय किए ही रमतेराम रोड स्थित शापिंग कांपलेक्स की पार्किंग का ठेका निजी कंपनी को दे दिया है। ठेका लेने वाली कंपनी ने पार्किंग का शुल्क दोगुना कर दिया है। पहले कार की पार्किंग के लिए 1200 रुपये महीना शुल्क देना पड़ता था लेकिन एक अक्तूबर से शुल्क 2500 रुपये कर दिया गया है। वहीं, ट्रक और बस के लिए पहले जहां 1500 रुपये शुल्क था, अब लोगों को 3000 रुपये देना पड़ रहा है।
रमतेराम रोड पर शहर के बीचोबीच नगर निगम ने करीब नौ हजार वर्गमीटर के क्षेत्र में शापिंग कांपलेक्स और ट्रांजिट पार्किंग बनाई है। नगर निगम ने इसके निर्माण पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पिछले तीन साल से नगर निगम पार्किंग को ठेका छोड़ता था। पिछले साल निगम ने ठेका 39 लाख सालाना की दर पर छोड़ा था। इस बार निगम ने रैली इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कांपलेक्स के साथ पार्किंग का ठेका 15 लाख रुपये महीने पर दिया है। खास बात यह कि कंपनी को 15 साल के लिए ठेका दे दिया गया है। एक अक्तूबर से कंपनी ने वसूली भी शुरू कर दी है।
स्थानीय निवासी यहां खड़ी करते हैं गाड़ी
रमतेराम रोड निवासी विनोद कुमार का कहना है कि घनी आबादी के बीच यहां पर लोगों के पास पार्किंग के लिए जगह नहीं था। उन्हें इसी पार्किंग में गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। अचानक से दोगुना शुल्क लगाना सीधे सीधे जेब पर डाका डालना है। स्थानीय निवासी मोहित सक्सेना का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी कंपनी से सांठगांठ कर अपना फायदा और जनता का आर्थिक नुकसान करने में लगे हैं।
अनुबंध में शुल्क नहीं है तय
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि पूर्व नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के निर्देशन में ठेका दिया गया है। अनुबंध में शुल्क तय नहीं किया गया था। फाइल को नए नगर आयुक्त के पास ले जाकर शुल्क के बारे में मार्गदर्शन लिया जाएगा।
प्रतिमाह देना होता है 18 लाख
कंपनी के निदेशक अशोक नागर का कहना है कि पहले जिसने ठेका लिया था वह 1200 की पर्ची काटकर लोगों से 1500 रुपये वसूलता था। ठेका 15 लाख रुपये में मिला है लेकिन जीएसटी मिलाकर करीब 18 लाख रुपये महीने निगम को देना पड़ रहा है। 2500 रुपये ज्यादा शुल्क नहीं लगाया गया है। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ का कहना है कि अनुबंध की फाइल को देखा जाएगा। शुल्क क्यों नहीं तय किया, क्या वजह रही इसकी जांच की जाएगी।
वाहन पुराना शुल्क नया शुल्क
कार 1200 2500
ट्रक और बस 1500 3000
(नोट: शुल्क रुपये में है और मासिक है।)