उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर दर्ज रेप के मुकदमे में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है. गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषमुक्त करार दिया. इस फैसले से बचाव पक्ष के वकील ने स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या द्वारा लगाए गए आरोपों को साजिशन झूठा बताया. 13 साल पहले स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर रेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को हाई कोर्ट से स्टे मिला हुआ था.
दरअसल, पूरा मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल पर था. 13 साल पुराने इस मामले में अब शाहजहांपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को बरी कर दिया है. शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया है. गौरतलब है कि 2019 में भी स्वामी चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने उनके खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था. उस मुकदमे में भी स्वामी चिन्मयानंद बरी हो चुके हैं.
शिष्या ने लगाया था रेप का आरोप
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर रेप करने का आरोप लगाया था. चौक कोतवाली में उनकी शिष्या ने स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे.उनके खिलाफ रेप का मुकदमा शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था. स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट भी जारी हुआ था. गिरफ्तारी की डर से वह फरार भी हुए थे. शिष्या के साथ रेप के मामले में शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को फरार घोषित कर दिया था.